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अमरकंटक 1 आध्यात्मिक यात्रा

Temple Narmada udgam

Group of Temples at Narmada Udgam

यहाँ पर मध्य भारत, की तीन प्रसिद्ध पर्वत श्रंखलाये मिलती है, विंध्याचल, सतपुड़ा एवं मैकल पर्वत.

माँ नर्मदा सनातन धर्म अनुयायियों की महान पवित्र नदी है, जिसका उद्गम अमरकंटक से ही हुआ है। संत कवि कबीर दास जी की यह तपोभूमि रही है। एक स्थान पर कबीर चबूतरा भी बना हुआ है ।

पुराने scriptures के अनुसार नर्मदा को, गंगा, जिसका उद्गम हिमालय पर्वत से हुआ है,  से भी पुराना मना गया है । माँ नर्मदा की जल धार पूर्व से पश्चिम की दिशा मे बहती है, जबकि मध्य भारत मे ज्यादातर नदियां पश्चिम से पूर्व की ओर बहती है । अमरकंटक जितना आध्यात्मिक कारणों से प्रसिद्ध है , उतना ही एक हिल स्टेशन के रूप मे भी प्रसिद्ध है, जिसकी वजह यहाँ का नैसर्गिक वातावरण, पहाड़ियाँ, झरने और ऊंचे ऊंचे साल के पेड़ है, जो पूरे साल हरे भरे रहते है। प्रकृती ने यहाँ पर चारों ओर के जंगलों मे ओषधीय गुण वाले अनेक पेड़ पौधों की भरमार दी है। यहाँ पर स्थानीय आदिवासी निवासी अनेक प्रकार की औषधीय बेचते देखे जा सकते है।

 

Table of Contents

 

इतिहास

 

अमरकंटक मध्यप्रदेश के अनुपपुर जिला एवं पुष्पराज गढ़ तहसील मे स्थित है । एतिहासिक समय से यहाँ की भूमि साधु संतों की भूमि रही है, जिनमे कुछ प्रसिद्ध नाम कपिल मुनि, भृगु ऋषि, दुर्वशा ऋषि, शंकराचार्य एवं संत कबीर भी शामिल है। अमरकंटक मे, इतिहास के प्रसिद्ध कलचूरी शासकों के द्वरा बनाए गए अनेक भव्य मंदिरो के दर्शन होते है। जो की मुख्य रूप से भगवान शिव को समर्पित है। वर्तमान मे इन मंदिरों का रख रखाव भारत सरकार के पुरातत्व विभाग के अधीन है ।

 

उचित समय

यहाँ आने के लिए वैसे तो पूरा साल ही उचित है , फिर भी ऑकतूबर से फरवरी तक समय सर्वोत्तम माना जाता है। बारिश के मौसम मे प्रकृति हरे भरे घने जंगलों एवं झरनों से अछादित हो जाती है। इन प्राकृतिक छटाओं को समेटने के लिए, आते समय अपना कैमरा लाना ना भूलना।

 

 

यात्रा के साधन –

 

 

रेल –

अमरकंटक आने के लिए पास के मुख्य शहरों से रेल सुविधा, भोपाल, जबलपुर, बिलासपुर से , पेंडरा रोड तक उपलब्ध है । पेंडरा रोड 17 kms, अनुपपुर 48 kms, है जो की ब्राड गेज रेल मार्ग से जुड़े है ।

 

 

रोड –

प्राइवेट टैक्सी पेंडरा रोड, अनुपपुर से आसानी से ले सकते है। राज्य परिवहन बस पेंडरा रोड , जबलपुर , बिलासपुर से उपलब्ध है ।

 

 

वायु मार्ग –

यहाँ का सबसे पास वाला एयर पोर्ट दुमना 245 kms, जबलपुर मे है । 

 

 

रुकने के साधन –

अमरकंटक मे आश्रम व धर्मशाला की भरमार है । जिनमे प्रसिद्ध जैन धर्म शाला , गुरुद्वारा , व मध्य प्रदेश का होली डे होम शामिल है । होली डे होम की बुकिंग उनकी वेब साइट पर की सकती है ।

 

विशिष्ट दर्शनीय स्थल –

      1. नर्मदा उद्गम मंदिर – अमरकंटक का मुख्य आकर्षण नर्मदा मंदिर ही है । जहां पर माँ नर्मदा, एक कुंड से जन्म लेती है । इस कुंड मे स्नान करना वर्जित है । कुंड के चारों तरफ सत्विकता के प्रतीक सफेद रंग के अनेक मंदिर है , जो एक मनमोहन छवि बनाते है । रात्री मे आरती पूजा की जाती है। इन मंदिरों को सूर्य की सफेद रोशनी व रात्री मे चंद्र प्रकाश मे देखना, अद्वितीय अनुभव है ।

      1. माई की बगिया

        – बताते है की माँ नर्मदा अपने बचपन मे यहाँ पर अपनी सहेकी गुलबकावली के साथ फूल चुनने के लिए आती थी । आज भी यहाँ पर गुलबकावली के पौधे पाए जाते है जो आँखों के विशिष्ठ उपचार विधि के लिए प्रसिद्ध है ।

      1. एतिहासिक कलचूरी मंदिरो का समूह।

      1. राम कुंड – जहां पर नहाने की व्यवस्था है

      1. कबीर चबूतरा

        – यहाँ पर कबीर दास जी ने अनेक वर्षों तक साधना की थी ।

      1. श्री यंत्र

        – नर्मदा उद्गम मंदिर से करीब 1 km की दूरी पर है। जिसके मुख्य द्वार पर चार मुखी विशाल मूर्ति है । जिसके चारों ओर चौसहठ योगिनियों की मूर्तियाँ है । यह मंदिर अपनी विशिष्ठ शैली के लिए प्रसिद्ध है ।

      1. सोन मुड़ा

        – सोन मुड़ा , सोन नदी का उद्गम स्थान है , जहां पर एक गौ मुख से नदी का अवतरण होता है । यही पर भद्र नदी का भी उद्गम होता है । एक जल प्रपात के रूप मे दिखने के बाद जल धार विलुप्त हो जाती है । बाद मे कुछ किलोमीटर की दूरी पर फिर से प्रकट होती है ।

      1. जोहिला नदी – का उद्गम ज्वालेशर मंदिर के नजदीक एक कुए के रूप मे हुआ है ।

      1. सोनक्षी शक्ति पीठ

        – यह शक्ति पीठ सोनमुड़ा के नजदीक स्थित है ।     

      1. सर्वोदय जैन मंदिर

      2. यह विशाल और सुंदर मंदिर विशेष पत्थरों से निर्मित है । जो की एक बहुत बड़े आँगन मे ऊंचे चबूतरे पर स्थित है । इसके भीतर भगवान आदिनाथ की 24 टन की मूर्ति स्थापित की गई है । मंदिर का निर्माण कार्य अभी भी जारी है । जो पत्थरों पर सुंदर बारीक नक्काशीयों से भर हुआ है ।

      1. अमरेश्वर महादेव

        – भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर मे ग्यारह फिट ऊंची शिव लिंग की स्थापना है , जलाभिषेक के लिए ऊपर जाने के लिए सीढ़ियों बनाई गई है । आस पास और भी सुंदर मंदिर है ।

      • दूध धारा

      • यह स्थान दुर्वाषा ऋषि से जुड़ा है , जल धार ऊंचाई से गिरते हुए दूध धार जैसी दिखाई देती है ।  

      1. ज्वालेशर मंदिर

        – ऊपर वर्णित जोहिल नदी का उद्गम ज्वालेशर मंदिर के प्रांगण मे ही है ।

      • कपिल धार

      • यह स्थान कपिल ऋषि की तपो भूमि से जुड़ा हुआ है । यहाँ पर माँ नर्मदा का जल करीब सौ फिट की ऊंचाई से गिर कर धुआँ जैसा अद्भुत द्रश्य बनाता है । परंतु ग्रीष्म ऋतु मे जल धार बहुत ही कम हो जाती है ।

    भोजन व्यवस्था

    यहाँ आने वाले यात्रियों के लिए अनेक शुद्ध सात्विक होटल , रेस्टोरेंट व ढाबे उपलब्ध है । जो की मेन मार्केट और नर्मदा मंदिर के आस पास है । जहां पर नाश्ता व भोजन दोनों की व्यवस्था है । ये सभी साधारण दरों पर स्वादिष्ट खाना देते है ।

     

    स्थानीय यात्रा के साधन –

    अमरकंटक मे यात्रियों के लिए साधारण रेट पर ऑटो व रिक्शा मिलते है । जिनको पूरे दिन के लिए भी तय किया जा सकता है ।

     

     

    कुल खर्च –

    यद्यपि अमरकंटक एक हिल स्टेशन, और आध्यात्मिक नगरी है और यहाँ हमेशा ही यात्रियों का जमावड़ा लगा रहता है फिर भी कुल खर्च सामान्य रूप से बहुत महंगा नहीं है । दो से चार दिनों के लिए करीब चार हजार रुपये मे पूरा किया जा सकता है ।

     

     

    ज्यादातर पूछे जाने वाले प्रश्न –

     

        • अमरकंटक क्यों प्रसिद्ध है ?

      यह प्रकृति की गोद मे स्थित चारों ओर घने जंगलो पर तीन पर्वत श्रंखला का मिलन स्थान है। यहीं पर सोन व जोहिल नदियों का उद्गम है। यहाँ की यात्रा सभी के बजट के अनुरूप है ।

          • क्या अमरकंटक एक हिल स्टेशन है ?

        हाँ , परंतु यहाँ पर बहुत ज्यादा पहाड़ों वाली चढ़ाई नहीं है। सड़के सपाट है जिन पर आसानी से कार ड्राइव किया जा सकता है ।  

            • यात्रा का उचित समय क्या है ?

          साल मे कभी भी यहाँ की यात्रा कर सकते है , फिर भी चाहे तो बारिश का मौसम छोड़ सकते है। यहाँ का तापमान सर्दियों मे 1 डिग्री से लेकर ग्रीष्म मे 35 डिग्री तक होता है ।

              • अमरकंटक किस देवता से जुड़ा है ?

            अमरकंटक, भगवान शिव का नाम है ।

                • आस पास मे और क्या दर्शनीय स्थान है ?

              पास मे बांधवगढ़ नॅशनल पार्क है, जो की 183 kms, 4 घंटा , सड़क दूरी पर है ।

                  • आई जी एन टी यू क्या है ?

                यह हाल ही मे शुरू की गई, इंदिरा गांधी नेशनल ट्राइबल यूनिवर्सिटी है। ज्यादा जानकारी के लिए लिंक पर जाए।  

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